लोगों की राय

कहानी संग्रह >> मुक्तिधन तथा अन्य कहानियां

मुक्तिधन तथा अन्य कहानियां

प्रेमचंद

प्रकाशक : हिन्द पॉकेट बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :440
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 8114
आईएसबीएन :9788121613668

Like this Hindi book 8 पाठकों को प्रिय

270 पाठक हैं

प्रेमचन्द की अत्यन्त रोचक व विचार-प्रवण 45 कहानियों का संग्रह

Muktidhan Tatha Anya Kahaniyan by Premchand

विश्व के महान कथा-शिल्पी प्रेमचंद के मानसरोवर के आठों भागों समेत उनकी संपूर्ण कहानियां अब पांच भागों में प्रस्तुत की गई हैं। इस खण्ड में उनकी प्रसिद्ध कहानी ‘मुक्तिधन’ को लिया गया है।

मुक्तिधन कहानी ‘गौ’ से जुड़ी हुई है। लाला दाऊदयाल ने एक जरूरतमंद मुसलमान से एक गाय खरीदी, लेकिन विधि का विधान ऐसा निकला कि उस मुसलमान सज्जन को बार-बार रुपयों की ज़रूरत पड़ी तो, उसने सूद पर लाला दाऊदयाल से ही हर बार पैसे लिए, लेकिन कभी न चुका पाया, लेकिन अंत में दाऊदयाल ने उस मुस्लिम सज्जन का क़र्ज़ यह कहकर माफ कर दिया कि ‘मैं ही तुम्हारा क़र्ज़दार हूं, क्योंकि तुम्हारी गाय मेरे पास है और गाय ने क़र्ज़ के धन से अधिक दूध दिया है और बछड़े नफ़े में अलग।’ यह कथा मजबूरी का फायदा न उठाने की प्रेरणा देती है।

इसी के साथ इसमें प्रेमचंद की अन्य श्रेष्ठ कहानियां भी दी गई हैं, जो प्रेरक भी हैं और रोचक भी।

कथा सम्राट के गौरव से विभूषित संसार के अग्रणी कथाकारों में प्रतिष्ठित प्रेमचंद की कहानियों का यह खण्ड संपूर्ण रूप से मूल पाठ है।
इसे यशस्वी साहित्यकार अमृतराय के निर्देशन में संपादित किया गया है।


प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book