लोगों की राय

कहानी संग्रह >> मुश्किल काम

मुश्किल काम

असगर वजाहत

प्रकाशक : किताबघर प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2010
पृष्ठ :112
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 7672
आईएसबीएन :978-93-80146-36

Like this Hindi book 2 पाठकों को प्रिय

260 पाठक हैं

लघु-कथा संग्रह...

Mushkil Kaam - A Hindi Book - by Asghar Wajahat

लघु-कथा के संबंध में फैली भ्रांतियों को तोड़ती असग़र वजाहत की लघुकथाएँ अपनी विशिष्ट शैलियों तथा व्यापक कथ्य प्रयोगों के कारण चर्चा में रही हैं। वे पिछले पैंतीस साल से लघुकथाएं लिख रहे हैं। उनकी लघुकथाएँ इन अर्थों में अन्य लघुकथाओं से भिन्न हैं कि उनकी लघुकथाएं किसी विशेष शैली के सामने समर्पण नहीं करती हैं। पंचतंत्र की शैली से लेकर अत्याधुनिक अमूर्तन शैलियों की परिधि को अपने अंदर समेटे असग़र वजाहत की लघुकथाएँ सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक विषयों तक फैली हुई हैं। सामाजिक प्रतिबद्धता इन लघुकथाओं की एक विशेषता है, जो किसी प्रकार के अतिरिक्त आग्रह से मुक्त है। इन लघुकथाओं के माध्यम से मानवीय संबंधों, सामाजिक विषमताओं और राजनीतिक ऊहापोह को सामने लाया गया है।

असग़र वजाहत


असग़र वजाहत के अब तक पाँच उपन्यास, छह नाटक, पाँच कथा-संग्रह, एक नुक्कड़ नाटक-संग्रह और एक आलोचनात्मक पुस्तक प्रकाशित हो चुके हैं। वर्ष 2007 में ‘आउटलुक’ हिंदी साप्ताहिक पत्रिका ने उन्हें दस सर्वश्रेष्ठ लेखकों में शुमार किया था। उनकी कृतियों का अनुवाद अनेक भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में हो चुका है। अंग्रेजी भाषा में अनूदित उनका कहानी-संग्रह ‘लाइज़ : हाफ टोल्ड’ प्रकाशित हो चुका है। अंग्रेजी के अतिरिक्त उनकी रचनाओं के अनुवाद इतालवी, जर्मन, रूसी और हंगेरियन भाषाओं में हो चुके हैं।
वर्ष 2007 में बीबीसी हिंदी डॉट कॉम में वे अतिथि संपादक भी रहे। प्रसिद्ध हिंदी पत्रिकाओं ‘हंस’ (भारतीय मुसलमान : वर्तमान और भविष्य विशेषांक) और ‘वर्तमान साहित्य’ (प्रवासी साहित्य-विशेषांक) का अतिथि संपादन किया। वे पिछले तीस वर्षों से हिंदी फिल्मों के लिए पटकथाएँ भी लिख रहे हैं। उन्होंने मुजफ्फर अली की चर्चित फिल्म ‘आगमन’ की पटकथा लिखी थी। आजकल वे प्रख्यात फिल्म निर्देशक राजकुमार संतोषी के लिए भी पटकथा पर काम कर रहे हैं जो उनके नाटक ‘जिस लाहौर नहीं देख्या...’ पर आधारित है।
असग़र वजाहत को हाउस ऑफ लॉर्ड्स में उनके उपन्यास ‘कैसी आगी लगाई’ के लिए कथा यू. के. सम्मान से भी नवाज़ा जा चुका है।


प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book