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अपनी खबर

पाण्डेय बेचन शर्मा

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :143
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 6837
आईएसबीएन :9788126711086

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पाण्डेय बेचन शर्मा हिन्दी के प्रारम्भिक इतिहास के एक स्तम्भ रहे हैं और यह कृति उनके इक्कीस वर्षों के विविधता-भरे क्रिया-व्यापारों का उद्घाटन करती है...

Apanee Khabar - A Hindi Book - by Pandeya Bechan Sharma

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

अपनी खबर लेना और अपनी खबर देना, जीवनी साहित्य की दो बुनियादी विशेषताएँ। हैः और फिर ‘उग्र’ जैसे लेखक की ‘अपनी खबर’। उनके जैसी बेबाकी, साफगोई और जीवन्त भाषा-शैली हिन्दी में आज भी दुर्लभ है। पाण्डेय बेचन शर्मा ‘उग्र’-हिन्दी के प्रारम्भिक इतिहास के एक स्तम्भ रहे है और यह कृति उनके जीवन के प्रारम्भिक इक्कीस वर्षों के विविधता-भरे क्रिया-व्यापारों का उद्घाटन करती है। हिन्दी के आत्मकथा-साहित्य में ‘अपनी खबर’ को मील का पत्थर माना जाता है। अपने निजी जीवनानुभवों, उद्वेगों और घटनाओं को इन पृष्ठों में उग्र ने जिस खुलेपन से चित्रित किया है, उनसे हमारे सामने मानव-स्वभाव की अनेकानेक सच्चाइयाँ उजागर हो उठती हैं। यह स्वाभविक भी है, क्योंकि मनुष्य का विकास उसकी निजी अच्छाइयों-बुराइयों के बावजूद अपने युग-परिवेश से भी प्रभावित होता है। यही कारण है कि आत्मकथा-साहित्य व्यक्तिगत होकर भी सार्वजनीन और सार्वकालिक महत्त्व रखता है।


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