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वीर सावरकर

सतीश गुप्ता

प्रकाशक : पर्व प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :16
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 6232
आईएसबीएन :00000

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भारत की स्वतंत्रता के लिए किए गए संघर्षों के इतिहास में वीर सावरकर का नाम बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है।

Veer Sawarkar A Hindi Book by Satish Gupta

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

वीर सावरकर


भारत की स्वतंत्रता के लिए किए गए संघर्षों के इतिहास में वीर सावरकर का नाम बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। वीर सावरकर का पूरा नाम विनायक दामोदर सावरकर था। महान देशभक्त और क्रांतिकारी सावरकर ने अपना संपूर्ण जीवन देश की सेवा में समर्पित कर दिया। अपने राष्ट्रवादी विचारों के कारण जहाँ सावरकर देश को स्वतंत्र कराने के लिए निरन्तर संघर्ष करते रहे, वहीं देश की स्वतंत्रता के बाद भी उनका जीवन संघर्षों से घिरा रहा।

वीर सावरकर का जन्म महाराष्ट्र में नासिक जिले के भागुर नामक गाँव में हुआ था। वर्ष 1883 में जन्में सावरकर तीन भाइयों में मंझले थे। उनके बड़े भाई का नाम नारायण दामोदर सावरकर था। सावरकर के माता-पिता अत्यन्त धार्मिक विचारों वाले ब्राह्मण दम्पत्ति थे। परिवार के धार्मिक वातावरण का प्रभाव तीनों सावरकर भाइयों पर पड़ा। भारत के महापुरुषों की कथाएँ सुनकर बड़े भाई गणेश दामोदर सावरकर महाराष्ट्र की धार्मिक तथा राष्ट्रवादी गतिविधियों में भाग लेने लगे थे।

वीर सावरकर की प्रारम्भिक शिक्षा उनके गाँव की प्राइमरी पाठशाला में हुई। इसके पश्चात् वह बम्बई में शिक्षा प्राप्त करने लगे। एक तरफ जो देश अंग्रेजी शासन की गुलामी की जंजीरों में जकड़ा उसके अत्याचारों से त्रस्त था, दूसरी ओर अनेक देशभक्त क्राँतिकारी देश को स्वतंत्र कराने के लिए आन्दोलन कर रहे थे। बड़े भाई गणेश जो कि पहले से ही इन गतिविधियों से जुड़े थे, उन्हीं के प्रभाव से वीर सावरकर में देश-प्रेम और क्राँतिकारी की भावना जागृत हो उठी।

 

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