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सुन्दर कहानियाँ

राजबहादुर सिंह

प्रकाशक : पर्व प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :16
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 5041
आईएसबीएन :81-89362-10-0

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इसमें बच्चों के लिए सुन्दर सुन्दर कहानियों का वर्णन किया गया है।

Sundar Kahaniyan-A Hindi Book by Rajbahadur Singh OK

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

बाघ और बढ़ई

किसी नगर में एक बढ़ई रहता था जिसका नाम था भगवान दास। उसकी रोज की आदत थी खाना साथ लेकर स्त्री के साथ जंगल में जाना और लकड़ी के बड़े-बड़े कुन्दे काटना। उसी जंगल में एक शेर रहता था जिसके दो पिछलगुवे दोस्त थे- एक भेड़िया और दूसरा कौवा।

एक रोज शेर जंगल में अकेला घूमते-घूमते उस जगह पहुँचा जहाँ बढ़ई लकड़ी काट रहा था। शेर को देखते ही बढ़ई के होश उड़ गए। फिर हिम्मत बाँधकर व शेर के सामने जा पहुँचा और सिर वनाकर बोला- ‘‘आओ, दोस्त आओ आज मेरे यहाँ भोजन करो मेरी स्त्री यानी तुम्हारी भाभी ने खाना बड़े प्रेम से पकाया है। ’’

शेर बोला—‘‘भले आदमी मैं तो जंगली जीव हूँ। मैं अनाज कैसे खा सकता हूँ ? पर तुम बड़े अच्छे आदमी हो इसलिए मैं तुम्हारा तुम्हारा भोजन चख लूंगा, देखें, क्या-क्या बनाया है।’’ बढ़ई ने उसे अपना भोजन दिया, जिसमें, नमकीन मीठी और मशालेदार खाने की चीजे थीं।

शेर ने उपकार का बदला दिखाने के लिए बढ़ई को वचन दिया कि जंगल में वह बेखटके आ जा सकता है। इस पर बढ़ई बोला -‘‘मित्र ! तुम हर रोज यहाँ आया करो; पर अपने साथ और किसी को नहीं लाना।

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