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बाल एवं युवा साहित्य >> बाल रामायण (सजिल्द)

बाल रामायण (सजिल्द)

श्याम सुन्दर शास्त्री

प्रकाशक : टिनी टॉट पब्लिकेशन प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :204
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 457
आईएसबीएन :81-7473-741-0

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राम के जीवन की घटनाओं का रोचक चित्रण... (सचित्र, रंगीन पृष्ठ)

Bal Ramayan - A hindi Book by - Shyam Sundar Shastri - बाल रामायण - श्याम सुन्दर शास्त्री

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

रामायण का वास्तविक अर्थ है ‘श्रीराम की जीवनी’। इस पुस्तक में राम के जन्म से लेकर बाल्यावस्था, युवावस्था, विवाह, वनवास तथा लंका पर विजय के अलावा उनके अयोध्या का राजा बनने तथा मृत्युलोक छोड़कर जाने तक की सभी घटनाएं संकलित हैं। राजा राम हमारे पूज्यनीय होने के साथ-साथ इतिहास पुरुष भी हैं। उनके जीवन के आदर्श, त्याग, कर्त्तव्य परायणता व मानवीय मूल्यों के प्रति सम्मान की भावना आज भी अनेक लोगों का मार्गदर्शन करती हैं। आधुनिकता के दौर में शामिल होने के बावजूद भी हर माता-पिता का आज भी यही सपना होता है कि उसकी सन्तान श्रीराम की तरह बने और उन्हीं की तरह मर्यादाओं का पालन करना सीखे।

‘रामायण’ भारतीय संस्कृति की एक अमूल्य धरोहर है। हिन्दी साहित्य में ही नहीं वरन् विश्व साहित्य में भी इसका महत्वपूर्ण स्थान है। रामायण के कई संस्करणों का गहराई से अध्धयन करने के पश्चात् पंडित श्याम सुन्दर शास्त्री ने इसका सम्पादन कर इसे एक नया रूप प्रदान किया है। हमारे युवा पाठकों के लिए इसे संक्षिप्त तथा सरल बनाने का प्रयास किया गया है तथा प्रत्येक पृष्ठ पर विषय से सम्बन्धित चौपाई के द्वारा इसे ‘रामायण’ के मौलिक रूप से जोड़ने की कोशिश भी की है।

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