लोगों की राय

वास्तु एवं ज्योतिष >> षट पंचाशिका

षट पंचाशिका

लेखराज द्विवेदी

प्रकाशक : डायमंड पॉकेट बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2010
पृष्ठ :232
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 4214
आईएसबीएन :9788171827831

Like this Hindi book 6 पाठकों को प्रिय

82 पाठक हैं

ज्‍योतिष संबंधी कुछ बातों व जिज्ञासाओं का समाधान प्रश्‍न-ज्‍योतिष के माध्यम से

Shat Panchashika (Lekhraj Dwivedi)

प्रश्‍नविद्या ज्‍योतिष-शास्‍त्र की सर्वाधिक चमत्‍कारी विद्याओं में से एक प्रश्‍नकर्ता की जिज्ञासा, इच्‍छा, उत्‍कंठा, शंका या चिंता का समाधान इस शास्‍त्र में जन्मपत्री आदि की लंबी-चौड़ी गणित के बिना ही किया जाता है। ज्‍योतिष संबंधी कुछ बातों व जिज्ञासाओं का समाधान संहिता-ग्रंथ, जातक ग्रंथ व जन्‍मपत्री नहीं कर पाती। यथा-चोरी गई वस्‍तु मिलेगी या नहीं? वर्षा होगी या नहीं? कोई वस्‍तु मिलेगी या नहीं? कहां गई? चोर कौन है? इत्‍यादि इन सबका केवल प्रश्‍न-ज्‍योतिष के पास ही है।

हर ज्‍योतिषी के पास प्रश्‍न पूछने हेतु ज्‍यादा लोग आते हैं। हरेक के पास जन्‍मपत्री नहीं होती। अतः जीवन में प्रश्‍न मार्ग पर ऐसा ग्रंथ हो जो सभी बातें एक साथ उपलबध करा सके इस दृष्टिकोण को ध्‍यान में रखकर ही षट पंचाशिका प्रश्‍न ज्‍योतिष पुस्‍तक लिखी गई है जिसमें सरलार्थ के साथ सुबोधिनी टीका व अपने विचार-विमर्श को देकर इसे अति सुगम्‍य व सरल बनाया गया है।


प्रथम पृष्ठ

लोगों की राय

No reviews for this book