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नए ज्ञान की अनोखी बातें

विश्वनाथ गुप्त

प्रकाशक : सुरभि प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2010
पृष्ठ :64
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 4175
आईएसबीएन :978-81-905547-8

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डिक्शनरी तो तुमने जरूर देखी होगी। तुम्हारे घर में भी कोई छोटी-बड़ी डिक्शनरी होगी। जब तुम्हें किसी शब्द का अर्थ समझ में नहीं आता है तो तुम डिक्शनरी देख लेते होगे।....

Naye Gyan Ki Anokhi Batein - A Hindi Book - by Vishwanath Gupta

बातें डिक्शनरी की


डिक्शनरी तो तुमने जरूर देखी होगी। तुम्हारे घर में भी कोई छोटी-बड़ी डिक्शनरी होगी। जब तुम्हें किसी शब्द का अर्थ समझ में नहीं आता है तो तुम डिक्शनरी देख लेते होगे। इस तरह डिक्शनरी वह किताब है जिसमें शब्दों के अर्थ मिलते हैं, लेकिन डिक्शनरी में केवल शब्दों के अर्थ ही नहीं मिलते, और भी बहुत कुछ मिलता है।

एक बड़ी और अच्छी डिक्शनरी में कई तरह के शब्दों के अर्थ मिलते हैं, जैसे—रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाले शब्द, वे शब्द जो साहित्य की पुस्तकों में मिलते हैं, ऐसे शब्द जो आजकल इस्तेमाल नहीं होते, किंतु पुराने लेखकों की किताबों में मिलते हैं, तकनीकी शब्द, दूसरी भाषाओं के शब्द, संक्षिप्त नामों वाले शब्द, जैसे—’ यू०एस०ए०, यू० के० आदि।

शब्दों के अर्थों के अलावा उनके हिज्जे (स्पेलिंग) भी होते हैं, यह भी होता है कि उनका उच्चारण कैसे किया जाता है। ज्यादातर डिक्शनरियों में यह भी होता है कि कोई शब्द नाउन है, वर्ब है, एडवर्ब है अथवा एडजेक्टिव आदि है। समानार्थक शब्द या पर्यायवाची शब्द और कहावतें तथा मुहावरे भी डिक्शनरी में होते हैं। एक बड़ी और अच्छी डिक्शनरी में एक शब्द के विभिन्न अर्थों के अलावा यह भी होता है कि किसी शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई और उसका प्रयोग कैसे-कैसे किया जा सकता है। ‘द आक्सफोर्ड इंगलिश डिक्शनरी’ एक ऐसी ही अच्छी और बड़ी डिक्शनरी है, जिसे तैयार होने में 40 वर्ष लगे थे। 1885 ई० में यह डिक्शनरी बननी शुरू हुई थी और 1926 में बनकर तैयार हुई। इस समय अंग्रेजी भाषा की सबसे बड़ी और सबसे अच्छी डिक्शनरी यही मानी जाती है। इस डिक्शनरी में 4 लाख से अधिक शब्द शामिल किए गए हैं।

‘द आक्सफोर्ड इंगलिश डिक्शनरी’ का छोटा रूप ‘कॉनसाइज (संक्षिप्त) आक्सफोर्ड डिक्शनरी’ के रूप में मिलता है। बच्चों के लिए भी इसका एक छोटा संस्करण ‘चिल्ड्रेंस डिक्शनरी’ के रूप में मिलता है।

यहाँ एक बात बतानी जरूरी है और वह यह है कि यद्यपि एक बड़ी और अच्छी डिक्शनरी में लाखों शब्दों के अर्थ आदि मिलते हैं, लेकिन किसी भी डिक्शनरी में तमाम शब्दों को शामिल करना संभव नहीं है। इसका कारण एक तो यह है कि यह ठीक-ठीक कोई नहीं जान सकता कि किसी भाषा में कुल कितने शब्द हैं, फिर रोजमर्रा इस्तमाल होने वाले शब्दों के अलावा, हजारों भौगोलिक नाम हैं, हजारों तकनीकी शब्द हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में भी नित नए-नए शब्द गढ़े जाते हैं।

इसके अलावा जैसे-जैसे दुनिया के देश एक-दूसरे के नजदीक आते हैं, वैसे-वैसे वे एक-दूसरे की भाषा के शब्दों का आदान-प्रदान करते हैं। यही कारण है कि किसी एक भाषा की डिक्शनरी में दूसरी भाषाओं के शब्द भी मिलते हैं।

डिक्शनरी तरह-तरह की


चूँकि किसी एक डिक्शनरी से सभी तरह के लोगों का काम नहीं चल सकता, इसलिए अलग-अलग तरह के उपयोग करने वालों के लिए अलग-अलग डिक्शनरी डिजाइन की जाती हैं। मिडिल स्कूल, हाई स्कूल तथा कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए उनकी आवश्यकताओं के अनुसार डिक्शनरियाँ तैयार की जाती हैं। सामान्य लोगों तथा एक परिवार के लिए अलग तरह की डिक्शनरी डिजाइन की जाती है। ‘द वर्ल्डबुक डिक्शनरी’ परिवार के उपयोग के लिए है, जिसमें 2 लाख से अधिक प्रविष्टियाँ हैं।

कुछ खास तरह की डिक्शनरियाँ भी होती हैं, जैसे—‘ए ज्योग्राफिकल डिक्शनरी’। इसमें शहरों, द्वीपों, झीलों, पर्वतों, नदियों आदि के नाम होते हैं तथा उनका संक्षिप्त विवरण होता है।

‘ए बायोग्राफिकल डिक्शनरी’ में प्रसिद्ध लोगों के नाम और संक्षिप्त परिचय होते हैं। कुछ और भी खास तरह की डिक्शनरियाँ होती हैं, जैसे—हिंदी में पर्यायवाची कोश, कहावतों व मुहावरों का कोश आदि। दो भाषाओं की डिक्शनरियाँ भी स्पेशल या खास तरह की डिक्शनरियों में आती हैं, जैसे—फ्रेंच-इंगलिश, इंगलिश-जर्मन, स्पेनिश-इटालियन, हिंदी-अंग्रेजी, अंग्रेजी-हिंदी, हिंदी-उर्दू आदि।

थेसोरस डिक्शनरी


थेसोराम का शाब्दिक अर्थ शब्दों का संग्रह होता है। वैसे देखा जाए तो एक डिक्शनरी में भी शब्दों का संग्रह ही होता है, लेकिन थेसोरस डिक्शनरी सामान्य डिक्शनरी से भिन्न होती है। इसमें एक योजना के अनुसार शब्दों के समूह बनाए हुए होते हैं। मिसाल के लिए एक शब्द है—लार्ज। इस शब्द के और भी समानार्थक शब्द हैं, जैसे—बिग, ग्रेट, ह्यूज, वास्ट, इमेंस, कोलोसल, जाइंट, गिगेंटिक और मैसिव। ये शब्द ‘लार्ज’ शब्द के समानार्थक शब्द तो हैं, लेकिन हर शब्द का एक सटीक अर्थ होता है। थेसोरस डिक्शनरी यह जानने में मदद करती है कि किस शब्द का प्रयोग कहाँ होना चाहिए। उसमें उदाहरण देकर यह बात समझाई जाती है। हर व्यक्ति चाहता है कि वह सही शब्द का प्रयोग करे। इस दृष्टि से यह डिक्शनरी बहुत उपयोगी है।

डॉ० पीटर मार्क गेजेट ने 50 साल की मेहनत के बाद यह डिक्शनरी तैयार की, जो 1852 ई० में पहली बार प्रकाशित हुई थी। एक अच्छी और बड़ी लाइब्रेरी में यह डिक्शनरी मिलती है। बच्चों और विद्यार्थियों के लिए ‘द यंग पीपुल्स थेसोरस डिक्शनरी’ भी है जो उनके लिए शब्दों के सही प्रयोग के लिए बहुत उपयोगी है। थेसोरस हिंदी की भी मिलती है।

डिक्शनरी का इस्तेमाल कैसे करें ?


किसी डिक्शनरी का सही इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि उसमें क्या-क्या, कहाँ-कहाँ है। ज्यादातर डिक्शनरियों में वर्णमाला के ‘ए’ से ‘जेड’ (हिंदी में ‘अ’ से ‘ह’) तक के अक्षरों से शुरू होने वाले शब्दों के अर्थ क्रम के अनुसार दिए रहते हैं। शब्दों के सही हिज्जे मालूम हों तो अर्थ ढूँढ़ने में आसानी रहती है। वैसे जिसको सही हिज्जे नहीं मालूम होते, उसे थोड़ी-सी मेहनत के बाद वे भी मालूम हो जाते हैं।

प्रायः हर डिक्शनरी में शुरू में ही दिया रहता है कि शब्दों के अर्थों के अलावा चीजें, जैसे—भौगोलिक नाम, संक्षिप्त नाम आदि कहाँ हैं। कुछ संकेत भी दिए रहते हैं। कहावतें और मुहावरे आदि सामान्यतः अंत में दिए रहते हैं।

अंग्रेजी डिक्शनरी का इतिहास


अंग्रेजी भाषा का शब्द डिक्शनरी लेटिन भाषा के शब्द डिक्शनेरियम से बना है, जो स्वयं एक लेटिन शब्द डिक्शियो से बना है। इस शब्द का अर्थ होता है—‘कहना’।

सबसे पहले पुराने जमाने के ग्रीस और रोम के लोगों ने डिक्शनरी तैयार की, लेकिन ये डिक्शनरियाँ आज की तरह की डिक्शनरियों की तरह नहीं थीं। असल में ये कठिन और कुछ खास तरह के शब्दों की सूचियाँ थीं।

मध्य युग में विद्वानों ने ऐसी डिक्शनरियों का उपयोग किया, जिनमें लेटिन भाषा के कठिन शब्दों के अर्थ सरल भाषा में होते थे। मध्य युग के समाप्त होते-होते इंगलिश, फ्रेंच और जर्मन जैसी भाषाओं के आगे आने से लेटिन भाषा का महत्त्व कम हो गया। तब ऐसी डिक्शनरियाँ बनने लगीं जिनमें लेटिन के कठिन शब्दों के अर्थ इंगलिश, फ्रेंच या जर्मन में होते थे। जब ये भाषाएँ अपने-अपने देशों में स्वीकृत हो गईं तो फिर लोगों को इन भाषाओं की डिक्शनरियों की जरूरत महसूस हुई जिनमें उन भाषाओं के कठिन शब्दों के अर्थ सरल शब्दों में दिए हों।

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