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ओड़िया कहानियाँ

पत्त्थनी पटनायक

प्रकाशक : नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :171
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 35
आईएसबीएन :00000000

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संकलनकर्त्ता पठाणि पट्टनायक स्वयं ओड़िया के प्रख्यात समालोचक हैं। साहित्य के प्रति इनकी गहरी निष्ठा और सूक्ष्म संवेदनशीलता प्रशंसनीय है।

Oriya Kahaniyan

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

इस संकलन में ओड़िया के इक्कीस महत्वपूर्ण कथाकारों की प्रतिनिधि कहानियों को संकलित किया गया है। इमसें संकलित सभी कथाकारों ने पराधीन भारत में आखें खोलीं और स्वाधीन भारत में इनकी सृजनशीलता का प्रखर रूप सामने आया। जाहिर है कि ये कहानियाँ ओड़िसा की समाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक परिस्थितियों, वहाँ के लोकाचारों का परिचय देती हैं और वहाँ के रहन सहन से गैर-ओड़ियाभाषी पाठकों को परिचित कराती हैं। अन्य भाषाओं की समकालीन कहानियों की भाँति यहाँ भी युग यथार्थ का वास्तविक स्वरूप बोलता हुआ नजर आता है। सूक्ष्म मनोवैज्ञानिक विश्लेषण, समान्य जन-जीवन पर राजनीति का प्रभाव, जीवन संग्राम का हाहाकार और हताशा, समाजिक अत्याचार का घृणित स्वरूप, यौन विकारों से रूग्ण मनोदशा, श्रमिक वर्ग का शोषण विरोध, जीवन की आर्थिक-मानसिक एवं नैतिक दुरवस्था- सब-के-सब यहाँ अनेक रूपों और अनेक रंगों में चित्रित हैं।
संकलनकर्त्ता पठाणि पट्टनायक स्वयं ओड़िया के प्रख्यात समालोचक हैं। साहित्य के प्रति इनकी गहरी निष्ठा और सूक्ष्म संवेदनशीलता प्रशंसनीय है।

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