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नाटक-एकाँकी >> मैले हाथ

मैले हाथ

ज्यां पॉल सार्त्र

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :157
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 14027
आईएसबीएन :8126711671

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सर्वप्रथम पैरिस में सन् 1948 में मंचित यह नाटक साम्यवाद की मानसिकता और तौर-तरीकों की एक बेहतरीन (क्लासिक) विवेचना करता है।

पार्टी की विचारधारा से ‘भटके’ पार्टी प्रमुख के सचिव के तौर पर काम करने और उसे गोली से उड़ाने की जिम्मेदारी युवा पार्टी कार्यकर्ता ह्यूगो के कन्धों पर डाली जाती है। वो इस काम को अन्जाम भी दे देता है...लेकिन क्या उसने उस राजनीतिक कत्ल को एक आवेगी अपराध के जामे में छुपया है ? इस सवाल का जवाब तब साफ होता है जब दो साल की सज़ा काटकर, जेल से छूटने के बाद, वो अपने पुराने साथियों और खुद अपने-आप से, इस कत्ल को करने के अपने वास्तविक उद्देश्यों का खुलासा करने की कोशिश करता है। जीम स्पेजदमत के शब्दों में ‘ज्या पॉल सार्त्र आज दुनिया के सबसे चर्चित लेखक हैं’ और ये उनका सबसे चर्चित नाटक। सर्वप्रथम पैरिस में सन् 1948 में मंचित यह नाटक साम्यवाद की मानसिकता और तौर-तरीकों की एक बेहतरीन (क्लासिक) विवेचना करता है।

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