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गीता प्रेस, गोरखपुर >> श्रीवराह पुराण

श्रीवराह पुराण

गीताप्रेस

प्रकाशक : गीताप्रेस गोरखपुर प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :392
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 1198
आईएसबीएन :81-293-0292-6

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इसमें भगवान् विष्णु के वराहअवतार का वर्णन किया गया है...

Sanchipt Srivarah Puran -A Hindi Book Gitapress - संक्षिप्त श्रीवराहपुराण - गीताप्रेस

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

।।श्रीहरि:।।
पुराण भारत की सर्वोत्कृष्ट निधि है। इसमें भगवान् श्रीहरिके वराह अवतार की मुख्य कथा के साथ अनेक तीर्थ,व्रत,यज्ञ-यजन,श्राद्ध-तर्पण, दान और अनुष्ठान आदि का शिक्षाप्रद और आत्मकल्याणकारी वर्णन है। भगवान् श्रीहरि की महिमा,पूजन-विधान,हिमालय की पुत्री के रूप में गौरी की उत्पत्ति का वर्णन और भगवान शंकर के साथ उनके विवाह की रोचक कथा इसमें विस्तार से वर्णित है। इसके अतिरिक्त इसमें वराह-क्षेत्रवर्ती आदित्य-तीर्थों का वर्णन, भगवान श्रीकृष्ण और उनकी लीलाओं के प्रभाव से मथुरामण्डल और व्रज के समस्त तीर्थों की महिमा और उनके प्रभाव का विशद तथा रोचक वर्णन है।

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