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लेख-निबंध >> उग्र' का परिशिष्ट

उग्र' का परिशिष्ट

भवदेव पांडेय

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित वर्ष : 2008
पृष्ठ :294
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 10373
आईएसबीएन :9788126315086

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पाण्डेय बेचन शर्मा 'उग्र' अपने समय के न केवल महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं, साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में क्रांति पैदा कर देने वाले एक आवश्यक हस्तक्षेप भी हैं

पाण्डेय बेचन शर्मा 'उग्र' अपने समय के न केवल महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं, साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में क्रांति पैदा कर देने वाले एक आवश्यक हस्तक्षेप भी हैं। समालोचकों ने उन्हें सामुद्रिक दृष्टि का लेखक कहा है, अर्थात समाज की सिर से पैर तक की रेखाएँ देखकर उसकी भावी बनावट पर सशक्त एवं पैनी लेखनी चलाने में माहिर।

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