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पत्र एवं पत्रकारिता >> दिल्ली में उनींदे

दिल्ली में उनींदे

गगन गिल

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित वर्ष : 2000
पृष्ठ :220
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 10344
आईएसबीएन :817178982X

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मुझे नहीं मालूम, बोझा ढोते हुए यह संसार कैसा दीखता है, सड़क पर सोते हुए कैसा, ऑटो में रहते हुए कैसा...

मुझे नहीं मालूम, बोझा ढोते हुए यह संसार कैसा दीखता है, सड़क पर सोते हुए कैसा, ऑटो में रहते हुए कैसा...।मेरे पास उसके प्रश्न का कोई उत्तर नहीं।

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